THE SMART TRICK OF पारद शिवलिंग की पहचान THAT NO ONE IS DISCUSSING

The smart Trick of पारद शिवलिंग की पहचान That No One is Discussing

The smart Trick of पारद शिवलिंग की पहचान That No One is Discussing

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 इसकी पूजा से कुंडली में मौजूद सभी तरह के गृह दोष समाप्त हो जाते हैं।

पारद शिवलिंग का महत्व है की समस्त पापो का नाश करने वाला तथा रोगों से मुक्ति प्रदान करने वाला शिवलिंग है

हे नवी दिल्ली, अजमेर, हैदराबाद, निजामाबाद, विशाखापट्टणम आणि चेन्नई यासारख्या इतर शहरांशी देखील जोडलेले आहे.

शिवलिंग को महादेव का निराकार स्वरूप माना जाता है. शिवलिंग ऊर्जा का भंडार है. इसलिए इसकी पूजा के लिए विशेष नियम बनाए गए हैं.

पारद और स्फटिक में से कौन-सा शिवलिंग बेहतर होता है?

- शिवलिंग कहीं भी स्थापित हो पर उसकी वेदी का मुख उत्तर दिशा की तरफ ही होना चाहिए.

पूजा स्थल को साफ़ करके वहां गंगाजल छिड़कें।

तत्फलं कोटिगुणितं रसलिंगार्चनाद् भवेत्।।

इसका पूजन करने से संसार के समस्त द्वेषों से मुक्ति मिल जाती है। कई जन्मों के पापों का उद्धार हो जाता है। इसके दर्शन मात्र से समस्त परेशानियों का अंत हो जाता है। ऐसे शिवलिंग को समस्त शिवलिंगों में सर्वोच्च स्थान मिला हुआ है और इसका यथाविधि पूजन करने से मानसिक, शारीरिक, तामसिक या अन्य कई विकृतियां स्वतः ही समाप्त हो जाती हैं। घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है।

इसके पश्चात भगवान का पंचोपचार पूजन करें। इसमें गंध, पुष्प, धूप, दीप और तुलसी के साथ नैवेद्य को शामिल करें।

Besides curing several ailments it wards of large blood pressure level, asthma, heart Issues, and one particular essential element is, it develops mind power to achieve powerful will that is fantastic for advancement of both equally Bodily overall health and intellect.

१२ ज्योतिर्लिंगाचे पूजन केल्याचे जेव्हढे फळ आहे ते एकट्या पारद शिवलिंगच्या पूजेत सामावलेले आहे.

आपण ह्या लेखात पारद शिवलिंग बद्दल जाणून घेऊया.

दिया साथ जब मैरो जी का बनहने लगी चौसठ योगिनि पारद शिवलिंग की check here चढ़ गई बैल

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